सब दिल रखने की बाते हैं, असली रूप सब छुपाते हैं !!

लोग छूट जाते हैं, मोह नहीं छूटता.

जिसे रास नहीं सच्चाई से पिरोई भौतिक लेखनी, वही मेरे दिली जज्बातों को नजरंदाज करेगा, और जो महसूस कर सकेगा दर्द मेरे लफ़्ज़ों का, वो "मोहब्बत" से "नफरत" बेहिसाब करेगा..!! विरक्ति

दूसरो को नहीं... खुद को समझना "चुनौती" है...!!

आंखें मुसलसल यूं ही बहती रहती है ठंड हो या बरसात , बारिश यह ठहरती ही नहीं जब से तुमने पाई निजात... मालती

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