मानता हूं मिजाज में सख्ती है मेरे मगर, मैं इज्जत देने वालों की इज्जत करता हूं.

भूल कर भी अपने दिल की बात किसी से मत कहना, यहाँ कागज भी जरा सी देर में अखबार बन जाता है।

मेरी कमियों को गिनाया न करो ये गिनाने से बढ़ भी सकती हैं मालविका हरिओम

ज़ायका अलग है मेरे लफ़्ज़ों का... कोई समझ नहीं पाता कोई भुला नहीं पाता...!!

काम ऐसा करिये जिसमें कामयाबी के साथ-साथ, सम्मान और सुकून भी मिले।

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