भरोसा टूटा हैं वहम की दवाई मत दो, कहीं और जाकर शरीफ़ बनो मुझे सफ़ाई मत दो ..!!
sureshjain.com2024-03-26T13:16:57+05:30
जम्हूरियत पर कस रहा फंदा ख़ुद को ख़ुदा समझ रहा बंदा बहलाया-फुसलाया, डराया भी बॉन्ड से भी जुटा लिया चंदा चुनाव की बिसात धर्म का दांव नफ़रत का तूफ़ान कभी पड़े न मंदा किसी को जेल इनके लिए खेल इन पर भी चलेगा वक़्त का रंदा सीडी, ईडी, सीबीआई और जेल पूरे तालाब का पानी कर दिया गंदा।
sureshjain.com2024-03-26T12:54:48+05:30
ये जो हालात हैं ये सब तो सुधर जाएँगे, पर कई लोग निगाहों से उतर जाएँगे…
sureshjain.com2024-03-26T12:52:42+05:30
बेनूर हूँ, बेसब्ज हूँ, मशरूफ़ खुद में हूँ क़ाबिल नहीं मैं, मेरी अक़ीदत न कीजिये
sureshjain.com2024-03-26T12:48:51+05:30
घमंड में मत रहिए, अर्श से फर्श तक आने में, वक़्त भी नहीं लगता..!!


