किससे पैमाने वफ़ा बाँध रही है बुलबुल,
कल न पहचान सकेगी गुल-ए-तर की सूरत।
sureshjain.com2023-07-06T22:20:34+05:30
चढ़ते सूरज के पुजारी तो लाखों हैं 'फ़राज़'
डूबते वक्त हमने सूरज को भी तन्हा देखा
~ अहमद फ़राज़
sureshjain.com2023-07-06T22:20:34+05:30
मन के हारे हार है, मन के जीते जीत।
कह कबीर हरि पाइए मन ही की परतीत।।"
sureshjain.com2023-07-06T22:20:34+05:30
मुझे पल भर के लिए आसमान को मिलना था
पर घबराई हुई खड़ी थी…
कि बादलों की भीड़ में से कैसे गुज़रूँगी…
sureshjain.com2023-07-06T22:20:34+05:30
पागल ही हूँ मैं जो तेरे शहर में बैठ कर तेरा ही इंतिज़ार करता हूँ…
sureshjain.com2023-07-06T22:20:34+05:30
थक जाता है इंसान "ख्वाहिशें" पूरी होने से पहले,
कभी परिस्थितियां मार जाती हैं तो कभी ज़िम्मेदारियां..!!
sureshjain.com2023-07-06T22:20:34+05:30
समाज की नज़र में दारू पीने वाले
अमीर आदमी हैं तो ड्रिंक करता है
मिडिल क्लास हैं तो शराब पीता है
गरीब आदमी है तो वो बेवड़ा है