हमें ऐसी शिक्षा चाहिए जिससे चरित्र का निर्माण हो, मन की शक्ति बढ़े, बुद्धि का विकास हो और मनुष्य अपने पैर पर खड़ा हो सके" स्वामी विवेकानंद

इस दुनिया में अगर इरादे साफ़ है.. तो समझ लो की सभी खिलाफ है...!!

जो तुम्हें चाहे, उसकी कद्र करो, वरना फैसले और फासले में ज़्यादा फ़र्क नहीं होता।

ये सोचना ग़लत है कि तुम पर नज़र नहीं, मसरूफ़ हम बहुत हैं मगर बे-ख़बर नहीं. आलोक श्रीवास्तव

तुलसी भरोसे राम के, निर्भय हो के सोए। अनहोनी होनी नही, होनी हो सो होए। तुलसीदास

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