और फिर छोड़ गया वो जो कहा करता था ,
कौन बदबख्त तुम्हें छोड़ के जा सकता है ।।
अपनी ज़िंदगी की तारीफ तब भी करो..
जब वो तुम्हे कुछ ना भी दे रही हो...!!
मैं क्या बताऊँ कैसी परेशानियों में हूँ
काग़ज़ की एक नाव हूँ और पानियों में हूँ
भारत भूषण पन्त
जो कल थे,वे आज नहीं हैं।
जो आज हैं,वे कल नहीं होंगे।
होने न होने का क्रम,
इसी तरह चलता रहेगा,
हम हैं,हम रहेंगे, ये भ्रम भी,
सदा पलता रहेगा।।
अटल बिहारी वाजपेई
धैर्य की अपनी सीमाएँ हैं अगर ज़्यादा हो जाए तो कायरता कहलाता है।
चाणक्य