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sureshjain.com2024-04-11T10:29:48+05:30
घर में पड़ी दरार जब भरती नहीं
दीवार बन कर उठ खड़ी होती है।
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sureshjain.com2024-04-11T10:25:34+05:30
कोई नहीं करता प्यार मुझसे,
नफ़रतों का बन गया चेला हूं मैं,
न साथी न हमदर्द, न कोई रहबर,
दुनिया में बहुत अकेला हूं मैं.
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sureshjain.com2024-04-11T10:22:21+05:30
आप सभी को 
ईद-उल-फितर
की बहुत बहुत मुबारकबाद
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sureshjain.com2024-04-11T10:21:22+05:30
तपस्या अगर पार्वती की थी 
तो प्रतीक्षा शिव की भी रही होगी
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sureshjain.com2024-04-10T18:25:48+05:30
मैंने
गुलाब की
मौन शोभा को देखा !

उससे विनती की
तुम अपनी
अनिमेष सुषमा को
शुभ्र गहराइयों का रहस्य
मेरे मन की आंखों में
खोलो !

मैं अवाक् रह गया !
वह सजीव प्रेम था !

मैंने सूंघा,
वह उन्मुक्त प्रेम था !
मेरा हृदय
असीम माधुर्य से भर गया !
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sureshjain.com2024-04-10T18:24:54+05:30
हम खुद अकेले रह गये ,
सबका साथ देते देते।
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sureshjain.com2024-04-10T11:40:27+05:30
तह बह तह जमती चली जाती है सन्नाटों की गर्द
हाल-ए-दिल सब देखते हैं पूछता कोई नहीं
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sureshjain.com2024-04-10T11:33:32+05:30
आदमी मुर्दे को पूजता है,
अस्थियां पूजी जाती हैं।
राख पूजी जाती है।
लाशें पूजी जाती है।
तिरस्कार होता है।
और जीवंत का आदमी अद्भुत है।
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sureshjain.com2024-04-10T11:31:47+05:30
टूटे हुए लोग,
मुस्कुराते बहुत हैं...
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sureshjain.com2024-04-10T11:31:32+05:30
थक गई हूँ जिम्मेदारियों से,,
ज़िंदगी मुझे चंद पल तू सुक़ून के उधार दे..!!
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