किसी ने वक्त गुजारने के लिए अपना बनाया
और किसी ने अपना बना कर वक्त गुजार लिया...!
sureshjain.com2024-04-16T10:54:53+05:30
पा तो लिया इंसाँ ने दोनों ही जहाँ
पर इंसाँ में इंसाँ ही बाकी न रहा
sureshjain.com2024-04-16T10:54:30+05:30
गलती हो या के न हो गर्दन झुका के देखो
खामोश रह के अपना रिश्ता बचा के देखो
अल्फाज़ खार भी हैं, तलवार भी, जखम भी
अपनी ज़ुबान को पर मरहम बना के देखो
sureshjain.com2024-04-16T10:51:51+05:30
परिवार और समाज दोनों ही बर्बाद होने लगते हैं
जब समझदार मौन और नासमझ बोलने लगते हैं।
sureshjain.com2024-04-16T10:51:30+05:30
आप बस किरदार हैं अपनी हदें पहचानिए
वरना फिर एक दिन कहानी से निकाले जाएंगे
sureshjain.com2024-04-16T10:47:51+05:30
होठों पर जरूरत से ज्यादा बिखरी हंसी,
अक्सर गवाह होती है आंखों में पसरी हुई उदासी की....
sureshjain.com2024-04-15T12:19:56+05:30
रखना अपने शौक को ज़िन्दा,
किसी के मोहताज मत होना,
शरीर भले ही लाचार रहे,
मगर दिमाग से अपाहिज़ मत होना..


