ता उम्र के लिएं हाथ थामना होता है,
ए पल दो पल का खेल नहीं होता...
sureshjain.com2024-05-31T12:42:41+05:30
खुद मे झाकने के लिए ज़िगरा चाहिए,,,
दुसरो की शीनाखत् मे हर शख्स माहिर है,,,
sureshjain.com2024-05-30T12:02:13+05:30
अपनी ज़िंदगी में खुद रोशनियां पैदा करो,यकीन
जानो तुम्हारे अलावा तुम्हारा कोई भी वफादार नही है ...
sureshjain.com2024-05-27T09:44:05+05:30
जिसकी मति और गति सत्य की हो,
उसका रथ आज भी श्री कृष्ण चलाते हैं
sureshjain.com2024-05-20T14:43:42+05:30
एक घुटन सी हो रही थी मुझे संपूर्ण रात्रि ,
घबराहट सी हो रही थी अपने ही अंधेरे कमरे में....
भोर की सुनहरी रौशनी आई एक हल्की दस्तक लिए ,
उदासी तमाम मेरे कमरे के दरवाज़े से फ़ौरन ही विदा हो कर नई ताज़गी भर गई ।।
sureshjain.com2024-05-16T18:03:38+05:30
लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में
तुम तरस नहीं खाते बस्तियाँ जलाने में