sureshjain.com2024-04-23T12:51:42+05:30
मैं ढूंढता हूं खुद में ही खुद को
मैं शायद वो नहीं जो हुआ करता था !
sureshjain.com2024-08-27T17:49:30+05:30
अहंकार की सबसे बड़ी खराबी यह है कि , ये कभी आपको महसूस नहीं होने देता कि आप गलत हैं ...
sureshjain.com2024-08-28T13:27:35+05:30
जिएं इतना कि ज़िन्दगी कम पड़ जाए हंसे इतना कि रोना मुश्किल हो जाए किसी भी चीज़ को पाना नसीब की बात है मगर कोशिश इतनी करें कि उपरवाला देने पर मजबूर हो जाए..
sureshjain.com2023-07-06T22:20:34+05:30
रंग बदलती इस दुनिया में
मैंने उसको पाक लिखा,
वो छू लो पारस हो जाऊं
अब तक ख़ुद को ख़ाक लिखा…
sureshjain.com2024-08-28T14:28:23+05:30
हम सब लहू निचोड़ दें खिदमत में बाप की , उतरेगा सर से फिर भी न एहसान बाप का ।।
sureshjain.com2023-07-06T22:21:42+05:30
तूने उस मोड़ पर तन्हा किया
जहाँ लगता था
तू है तो मुझे फिर और क्या चाहिए…..
sureshjain.com2024-08-28T15:23:14+05:30
पुरुष कोई भी दुःख सहन कर सकता है,
परंतु उसके घर का क्लेश….
उसकी आत्मा को निचोड़ कर रख देता है…!!
sureshjain.com2024-08-28T15:18:42+05:30
माँ ' समझदारी' और पिता ' जिम्मेदारी' के सबसे श्रेष्ठ ज्ञाता है।
sureshjain.com2023-07-10T20:08:42+05:30
शरीर की हिफाजत धन से भी अधिक करनी चाहिए, क्योंकि शरीर बिगड़ने के बाद धन भी उसकी हिफाजत नहीं कर सकता।
sureshjain.com2024-08-27T18:47:04+05:30
संवेदनाएं कहां शेष हैं अब इन मुर्दों के शहर में, तेरहवीं के भोजन में भी नमक के लिए लड़ पड़ते हैं..!! विरक्ति
sureshjain.com2023-12-30T21:20:48+05:30
सहनशील होना अच्छी बात है, परन्तु अन्याय का विरोध करना उससे भी उत्तम है !
sureshjain.com2024-08-27T17:55:20+05:30
वो जो है ही नहीं हक़ीक़त में उससे कैसे कहें के घर आए आसमां पे उसे निहारेंगे जिसको मिट्टी में दफन कर आए
sureshjain.com2023-07-06T22:22:45+05:30
बड़ी ठोकरें खाकर समझदार हुआ हूं,
अब मैं दिल की बातों पर ध्यान नहीं देता…
sureshjain.com2024-04-01T12:47:11+05:30
मोहब्बत कभी स्पेशल लोगों से नहीं होती जिनसे होती है वही स्पेशल बन जाते है
sureshjain.com2023-11-01T11:49:07+05:30
मनुष्य का अहंकार और... मोह ही उसे बर्बाद कर देता है, उसे किसी शत्रु की जरूरत नहीं पड़ती...!!
sureshjain.com2024-04-23T12:48:13+05:30
प्यार या नफ़रत सिर्फ़ बच्चे करते हैं
बड़े होकर आदमी सिर्फ़ व्यापार करते हैं
sureshjain.com2024-08-27T17:06:04+05:30
मयस्सर इन आंखों में डूबना होता, मैं ताउम्र कभी तैरना ना सीखता..!! विरक्ति
” मैं शायर तो नहीं “
कुछ यहां से, कुछ वहां से…
सबका धन्यवाद !