sureshjain.com2023-09-07T10:38:32+05:30
सुबह का मतलब केवल सूर्योदय नहीं होता, यह सृष्टि की खूबसूरत घटना है, जहाँ अंधकार को मिटाकर सूरज नई उम्मीदों का उजाला फैलाता है।
sureshjain.com2023-11-06T13:31:30+05:30
इक़ अरसे बाद मिलना हुआ उसने बस इतना ही पूछा था आपका मिजाज कैसा है...! बोल नहीं फूटे बस..आंखे भर आईं
sureshjain.com2024-08-27T18:39:01+05:30
कमाल की थी तेरी वो मुस्कुराहट जिसके हम कायल थे, आज तो तेरा लहजा मेरे मौन को भी घायल किये हुए है..!! विरक्ति
sureshjain.com2023-11-17T15:12:15+05:30
उदास चेहरों को लूट लेती है दुनिया जरूरी है हर हाल में मुस्कुराते रहना !!
sureshjain.com2024-02-15T14:43:04+05:30
खुशियां खत्म हो चुकी मेरे जीवन से, मैं अवसादों का रहगुजर हूं, और जिसे कोई नहीं तराश सकता, मैं वो मानव निर्मित पत्थर हूं..
sureshjain.com2024-08-27T14:53:00+05:30
गिले शिकवे मिटा कर सोया करो मौत मुलाकात का मौका नहीं देती…
मरने वाला तो मर गया लौट कर नहीं आएगा
पर अपनी सोचो उसके चले जाने की टीस जीने नही देगी होगी घुटन पर कह नहीं पाओगे
लाख रोओगे पर उसे वापस बुला नही पाओगे..!!
sureshjain.com2023-07-06T22:12:10+05:30
पुरानी और नई पीढ़ी की सोच का अंतराल ही
आज में "पिता" और "बेटे" के बीच की दूरी है
sureshjain.com2024-08-27T18:35:59+05:30
वो जो हर दर्द अपने दिल में छुपाए बैठा है रो पड़ेगा कभी लगना आहिस्ता गले उसके
sureshjain.com2024-03-13T12:24:57+05:30
मान ही लो अब जो भी कुछ है सच्चा झूठा सा, कब तलक करते रहें दिल की वक़ालत हम ?
sureshjain.com2023-10-26T14:46:23+05:30
माँ तुम मेरी अनूठी एक प्रेम कहानी अमूमन प्रेम कहानी में एक राजा एक रानी होते हैं पर तुम्हारी मेरी तो बात ही अलग है मेरे आँखों की मौन भाषा तुम पढ़ लेती हो मेरे हृदय के स्पंदन में तुम बसती हो मेरे सुख दुख में तुम भागीदार मेरे जीवन में इत्र सी सुगंधित तुम साझीदार
sureshjain.com2024-04-08T11:26:39+05:30
दरिया हो या पहाड़ हो टकराना चाहिए
जब तक न साँस टूटे जिए जाना चाहिए
sureshjain.com2023-12-07T13:17:32+05:30
मोहब्बत में जो सुन रखा था वैसा कुछ नहीं होता, इसमें बन्दा मरता है और ज़्यादा कुछ नहीं होता
sureshjain.com2023-09-12T21:51:29+05:30
मेरे घर की दीवारें बवाल कर रही हैं , मैं क्यूं अकेला हूं सवाल कर रही हैं...
sureshjain.com2024-08-27T15:56:09+05:30
मैं नहीं जानता मेरी लाश को गिद्ध नोचेंगे या दाह संस्कार होगा, मगर ये जानता हूं मुझे पढ़ने के बाद मोहब्बत का तिरस्कार होगा
sureshjain.com2024-08-27T16:12:12+05:30
मैं इसलिए ज़िंदा हूँ कि मैं बोल रहा हूँ दुनिया किसी गूँगे की कहानी नहीं लिखती अनवर जलालपुरी
sureshjain.com2024-08-27T15:16:24+05:30
नन्हें-नन्हें पाँव थे फिर भी खड़ा हो गया ,
एक भाई अपनी बहन के लिए माँ जितना बड़ा हो गया ।।
sureshjain.com2024-02-16T15:43:13+05:30
और धीरे धीरे मैंने ये मानना शुरू कर दिया, कि मैं किसी के लायक नही हूं अकेली ही ठीक हूं..!!
” मैं शायर तो नहीं “
कुछ यहां से, कुछ वहां से…
सबका धन्यवाद !