sureshjain.com2023-12-11T00:56:57+05:30
कभी-कभी हमें उन लोगों से शिक्षा मिलती है, जिन्हें हम अभिमान वश अज्ञानी समझते हैं।
sureshjain.com2024-04-19T09:52:51+05:30
छोटी छोटी चीजों में खुशी ढूंढना सीख लो,
जरूरत पड़ने पर अपना हाथ खुद पकड़ना सीख लो।
sureshjain.com2023-09-01T14:00:31+05:30
साधू भूखा भाव का, धन का भूखा नाहिं, धन का भूखा जी फिरै, सो तो साधू नाहिं। कबीरदास
sureshjain.com2023-07-06T22:19:32+05:30
सच बोलूं तो तुम्हें ज्यादा जान नहीं पाया
हां मगर समझ लिया था,की कोई अधूरी ख्वाहिश सी हो तुम
sureshjain.com2023-09-07T10:40:39+05:30
एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद,, दूसरा सपना देखने के हौसले को "ज़िंदगी" कहते हैं..!!
sureshjain.com2024-08-28T13:18:12+05:30
आपसे बिछड़े तो ख़ुद को और बेहतर कर लिया आँख दरिया कर न पाए दिल को पत्थर कर लिया !!
sureshjain.com2023-11-02T14:09:00+05:30
बड़ा ही मुश्किल है उस वक्त में मुस्कुराना जब जिंदगी रुला रही हो कितना आसान है सब्र का टूट कर बिखर जाना जब जिंदगी इम्तहान ले रही हो चारो तरफ ही नज़रे फैलाते है की कोई तो उम्मीद बची हो और उस मझधार से निकालने के लिए जो हाथ दे वो ईश्वर से कम नही..!!
sureshjain.com2023-07-06T22:23:38+05:30
बहुत महंगा पड़ता है वो रिश्ता,
जिसमे खुद को सस्ता कर दिया जाए...
sureshjain.com2024-02-21T11:58:17+05:30
किसी भी इंसान को पढ़ना हो तो वहाँ से पढ़ो, जहाँ पर वह खामोश हो जाता है।
sureshjain.com2023-07-06T22:23:27+05:30
हजारों की भीड़ में भी पहचान लेते हैं,
पापा कुछ कहे बिना ही सब जान लेते हैं..!!
sureshjain.com2023-11-15T13:36:31+05:30
उम्मीदें रखना अच्छी बात है ,, पर हर किसी से रखना गलत बात है..!!
sureshjain.com2024-08-28T12:42:12+05:30
इश्क भी क्या अजीब बीमारी है , जिन्दगी है हमारी और तलब तुम्हारी है ..!!
sureshjain.com2023-10-17T12:07:26+05:30
ख़ामोश हूं मैं भी वक्त की तरह, शोर करूंगी तो समझना कयामत आ गईं!
sureshjain.com2023-10-15T18:13:50+05:30
अगर मुझमें कोई हुनर होता तो, मैं तुम्हें अपना कायल बना लेता, और जहान जीत लेता उस रोज, जब मैं तेरे पांवों में पायल पहना लेता..!!
sureshjain.com2023-07-06T22:19:56+05:30
मैं भाल-भाल पर कुंकुम बन लग जाऊंगा l
मैं तलवारों से मेघ-मल्हार गवाऊंगा ll
sureshjain.com2024-08-28T14:15:38+05:30
मिट्टी भी जमा की और खिलौने भी बना कर देखें ,
जिंदगी कभी ना मुस्कुराई फिर बचपन की तरह ।।
sureshjain.com2024-02-11T12:03:05+05:30
सारे जग की उम्मीदों से निज स्वार्थ बड़े जब हो जायें पद हेतु, शत्रु के पाले में कुछ मित्र खड़े जब हो जायें तब दिल पर पत्थर रखकर उनसे हाथ छुड़ाना पड़ता है निज संबंधों को भूल पार्थ को शस्त्र उठाना पड़ता है फंस गया तुम्हारा रथ कविवर अब इसे खेंच न पाओगे विक्रेता हो तुम बहुत कुशल पर गोबर बेच न पाओगे
sureshjain.com2024-08-28T13:15:34+05:30
I love u से भी ज्यादा दिल को छूने वाले शब्द ... "दुबली लग रही हो"....!
sureshjain.com2024-02-18T03:29:21+05:30
क्या बताएं लौटकर नौकरी से क्या लाए हैं घर से जवानी ले गए थे बुढ़ापा लाए हैं !
” मैं शायर तो नहीं “
कुछ यहां से, कुछ वहां से…
सबका धन्यवाद !