sureshjain.com2024-08-28T13:15:07+05:30 नदियों का बहना और समंदर के खारेपन में समाहित हो जाना; प्रेम का इतना सा ही भाव है, प्रेम प्रारंभ भी अंत भी और अनन्त भी है। नेहा यादव