अगर कभी वक़्त में उनसे मुलाक़ात होगी
सिर्फ़ रस्म निभाने की शायद वो क़वायद होगी
हँसी आती है मुझको अब दरमियाँ आये
वजहों पर ,
के अब एक अजनबी बन कर पहचान होगी…
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अगर कभी वक़्त में उनसे मुलाक़ात होगी
सिर्फ़ रस्म निभाने की शायद वो क़वायद होगी
हँसी आती है मुझको अब दरमियाँ आये
वजहों पर ,
के अब एक अजनबी बन कर पहचान होगी…