हमको गर्लफ्रेंड तो चाहिए पर पत्नी बिना बॉयफ्रेंड की चाहिए। यही कारण है कि हम पत्नी में सीता का आदर्श देखना चाहते हैं पर स्वयं में राम नहीं देखना चाहते हैं ।अगर हमको सीता चाहिए तो स्वयं को राम बनना पड़ेगा यही समाज की विडंबना है कि आज टूटते परिवारों की लाइन लगी हुई है।