sureshjain.com2024-08-28T14:18:46+05:30 हर एक हर्फ का अन्दाज बदल रक्खा हैआज से हमने तेरा नाम ग़ज़ल रक्खा हैमैंने शाहों की मोहब्बत का भरम तोड़ दियामेरे कमरे में भी एक ताजमहल रक्खा है।