रोज़ रात पलट कर देखती हूं
अतित के वो पन्ने
जिन्होंने मुझे ख़ामोश कर दिया
हमेशा के लिए,, मेरे जीते जी
सुना हैं,, ज़ख्म नासूर बनाने का
इससे अच्छा कोई तरीका नहीं..!!
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रोज़ रात पलट कर देखती हूं
अतित के वो पन्ने
जिन्होंने मुझे ख़ामोश कर दिया
हमेशा के लिए,, मेरे जीते जी
सुना हैं,, ज़ख्म नासूर बनाने का
इससे अच्छा कोई तरीका नहीं..!!