‘समय दुख का
उपचार नहीं करता
केवल उस पर
पर्दे डाल देता है
जितने दिन
बीतते जाते हैं
उतने पर्दे
पड़ते जाते हैं’
~ पंकज चतुर्वेदी
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‘समय दुख का
उपचार नहीं करता
केवल उस पर
पर्दे डाल देता है
जितने दिन
बीतते जाते हैं
उतने पर्दे
पड़ते जाते हैं’
~ पंकज चतुर्वेदी