मेरी तड़प ना समझी मेरे जज़्बात समझती,
गर प्यार ना दे सकी तो नफ़रत भी ना करती,
और हर पल बिलखने के लिए छोड़ दिया मुझको,
मुकम्मल मौत दे देती यूं अधमरा ना छोड़ती..!!

मेरी तड़प ना समझी मेरे जज़्बात समझती,
गर प्यार ना दे सकी तो नफ़रत भी ना करती,
और हर पल बिलखने के लिए छोड़ दिया मुझको,
मुकम्मल मौत दे देती यूं अधमरा ना छोड़ती..!!