sureshjain.com2023-07-06T22:10:09+05:30 जब वजूद में ‘माँ’ मिलती हैतो सारी पीड़ाएँ नष्ट हो जाती हैंऔर मुझमें ‘माँ’ शेष रह जाती है। -नेहा यादव