sureshjain.com2024-08-28T15:07:20+05:30 प्रेमपाप यदि हैइस धरा पर पवित्र फिर क्या होगाजल नहीं थल नहींवायु नहीं गगन नहीं अग्न नहीं फिर बोलों तुमक्या शिव हृदय पत्थर होगानहीं नहींहोगा करुणा भरा ईश्वरतभी तोशुद्ध हृदय प्रतिबिम्ब उसका प्रेम होगा। राजेश गौरी