sureshjain.com2023-07-06T22:10:38+05:30 यह जिस्म होता हैतो सब कुछ ख़त्म हो जाता हैपर चेतना के धागेकायनाती कणों के होते हैंमैं उन कणों को चुनूँगीधागों को लपेटूँगीऔर तुम्हें मैं फिर मिलूँगी…~ अमृता प्रीतम