चांद नहीं, सूरज नहीं,
एक छोटा सा ख्वाब मांगा था,
इक उम्र नहीं, कुछ साल नही,
दो पल का साथ मांगा था,
कोई नाम नही, कोई लफ्ज़ नही,
बस इक एहसास तो मांगा था।।
न हो सका तुमसे इतना भी,
कुछ ज्यादा नहीं…
बस बेकरारी में करार मांगा था !!
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चांद नहीं, सूरज नहीं,
एक छोटा सा ख्वाब मांगा था,
इक उम्र नहीं, कुछ साल नही,
दो पल का साथ मांगा था,
कोई नाम नही, कोई लफ्ज़ नही,
बस इक एहसास तो मांगा था।।
न हो सका तुमसे इतना भी,
कुछ ज्यादा नहीं…
बस बेकरारी में करार मांगा था !!