खूब समझती है वो रूदन अपने लाल का,
“मां” पृथ्वी पर साक्षात् भगवान होती है,
घर, समाज, ईश्वर किसी का उसे भय नहीं,
अपनी औलाद में ही उसकी जान होती है,
और नहीं करती फिक्र कभी धूप – शीत की,
हर आफत से बचा ले “मां” इतनी महान होती है..!!
खूब समझती है वो रूदन अपने लाल का,
“मां” पृथ्वी पर साक्षात् भगवान होती है,
घर, समाज, ईश्वर किसी का उसे भय नहीं,
अपनी औलाद में ही उसकी जान होती है,
और नहीं करती फिक्र कभी धूप – शीत की,
हर आफत से बचा ले “मां” इतनी महान होती है..!!