sureshjain.com2023-07-06T22:12:11+05:30 मेरे शौक तो छोड़ो मेरी ज़िद भी छोड़ो मन को इतने टुकड़ों में बांटा है उसने अब तो ज़रूरत भी मुझे ज़रूरी नहीं लगती..!!