sureshjain.com2023-07-06T22:12:24+05:30 इतना दानी नहीं समय जोहर गमले में फूल खिला दे,इतनी भावुक नहीं ज़िन्दगीहर ख़त का उत्तर भिजवा दे, ~ गोपालदास नीरज