लोग देखतें हैं तमाशा सिक्का फेंक के
सड़कों पे मजबूरी करतब करवाती है
एक दिन मर जाना है माना सबको मगर
फिर क्यों ये आग पेट कि हर रोज जलाती है
लोग देखतें हैं तमाशा सिक्का फेंक के
सड़कों पे मजबूरी करतब करवाती है
एक दिन मर जाना है माना सबको मगर
फिर क्यों ये आग पेट कि हर रोज जलाती है