फिक्र से चेहरे कि चमक मिटा लेती है,
गंदी नियत लबों से उसके मुस्कान हटा लेती है,

पीड़ा भी झलकती है उसकी आंखों में,
लेकिन खुद को वो निःशब्द बना लेती है,

और अपनी औकात से ज्यादा सहती है वो,
अपमानित हो चरित्र तो खुद को सूली भी चढ़ा लेती है..!!