हालातों के साज़ पर
पीड़ा के तार से
वेदना के स्वर लिखूँगा

वक़्त की राह पर
ज़िन्दगी की क़लम से
लम्हों की रफ़्तार लिखूँगा

वैश्या की पीड़ा से
जिस्म के खरीददारों पर
मैं हवस के बाज़ार लिखूँगा

तन्हाई के साये में
अन्धेरे की क़लम से
मैं अपना संसार लिखूँगा..