अधूरे किस्सों की
लिखावट हम
पूर्ति की प्यास में
तलाशते रहें दर बदर मकाम
चंद लम्हों की लिखावट के बाद
हो गया अल्पविराम
होगा ना शायद
कुछ किस्सों का
कभी भी पूर्णविराम….