कुछ सवालों के जवाब बड़ी ख़ामोशी से
बह जाते हैं आँखों के कोरों से
छुपा दिये जाते हैं उनके सूखे हुए दाग
भीगे हुए मन के रूमालों में
कुछ सवालों के जवाब बड़ी ख़ामोशी से
बह जाते हैं आँखों के कोरों से
छुपा दिये जाते हैं उनके सूखे हुए दाग
भीगे हुए मन के रूमालों में