sureshjain.com2023-07-06T22:14:03+05:30 जब “हृदय” टूट जाता है तब,रूक सकता “कृंदन” का वेग नहीं,ध्वस्त हो जाती “मन” कि क्षमता है,रूक सकता “अश्कों” का संवेग नहीं..!!