जब “हृदय” टूट जाता है तब,
रूक सकता “कृंदन” का वेग नहीं,
ध्वस्त हो जाती “मन” कि क्षमता है,
रूक सकता “अश्कों” का संवेग नहीं..!!
25Jun
जब “हृदय” टूट जाता है तब,
रूक सकता “कृंदन” का वेग नहीं,
ध्वस्त हो जाती “मन” कि क्षमता है,
रूक सकता “अश्कों” का संवेग नहीं..!!