मंजिल इतनी पास होकर भी उनकी राहें गुम क्यूँ है?
हम क्या इतने गैर है ख़ुदा..
अगर नहीं तो मेरी दुआ में तेरी मंजूरी इतनी तंग क्यूँ है?
24Jun
मंजिल इतनी पास होकर भी उनकी राहें गुम क्यूँ है?
हम क्या इतने गैर है ख़ुदा..
अगर नहीं तो मेरी दुआ में तेरी मंजूरी इतनी तंग क्यूँ है?