sureshjain.com2023-07-06T22:17:44+05:30 मंजिल इतनी पास होकर भी उनकी राहें गुम क्यूँ है?हम क्या इतने गैर है ख़ुदा..अगर नहीं तो मेरी दुआ में तेरी मंजूरी इतनी तंग क्यूँ है?