तुम्हारे दिल में भी तूफ़ाँ उठा है

हमें भी प्यार तुमसे हो चला है

किसी अय्यार जैसे हो गए हो

तुम्हारा नाम मुझको रट गया है

तुम्हारी बात भी अब टालने में

मुझे अब ख़ुद से लड़ना पड़ रहा है

अजब सी कश्मकश है ज़िन्दगी में

कि मेरा मैं ही मुझसे जा रहा है

अभी तक मैं यहाँ पर सो रहा हूँ

मगर पिंजड़े का पंछी उड़ गया है