मैं तुम्हारी याद में किला/मकबरा नहीं बनाउँगा बदले में लगाउँगा अनगिनत पेड़ क्योंकि मैं जानता हूँ दीवारों से बातें तो की जा सकती है पर उन्हे गले नहीं लगाया जा सकता ।