sureshjain.com2023-07-06T22:18:08+05:30 गहने, झुमके, कंगन के बिना भी मैं तुम्हें सजा सकता हूं मैं शायर हूं, अपने लफ़्ज़ों से ही तुम्हें दुल्हन बना सकता हूं