24Jun24/06/2023 sureshjain.com2023-07-06T22:18:08+05:30 प्रेम तो आज भी उसी रुप उसी मिठास में है बस उसे निभाने वाला मनुष्य ही अधिक समझदार हो गया है। राजेश गौरी