जिंगदी तू भी यूं बेवफा निकली
शिद्दत से चाहा मगर तू भी गैरो सी निकली

दे कर लबो पर ख़ुशी मेरे
दिल में बेइंतेहा दर्द क्यों दे के गयी..!!