रास्ते जो भी चमक-दार नज़र आते हैं
सब तेरी ओढ़नी के तार नज़र आते हैं

कोई पागल ही मोहब्बत से नवाज़ेगा मुझे
आप तो ख़ैर समझदार नज़र आते हैं

~ ज़ुबैर अली ताबिश