मकानों को घर मे तब्दील करने वाली स्त्रियां
करती हैं अनगिनत सब कुछ हर बार
अपने आत्मसमान को दांव पर लगाकर
फिर भी पाती है तिरस्कार अक्सर उन्हीं अपनों से जिनके लिए वह सबकुछ करती है
23Jun
मकानों को घर मे तब्दील करने वाली स्त्रियां
करती हैं अनगिनत सब कुछ हर बार
अपने आत्मसमान को दांव पर लगाकर
फिर भी पाती है तिरस्कार अक्सर उन्हीं अपनों से जिनके लिए वह सबकुछ करती है