मंज़िल के नशे में, मैं घर छोड़ आया।
वो मुझे नशे में देख कर घर ले आए।
अपनी ज़ात से तंग मैं सामान पीछे छोड़ आया।
मेरे खाली कंधे देख, वो रिश्तों का बोझ ले आए।
मंज़िल के नशे में, मैं घर छोड़ आया।
वो मुझे नशे में देख कर घर ले आए।
अपनी ज़ात से तंग मैं सामान पीछे छोड़ आया।
मेरे खाली कंधे देख, वो रिश्तों का बोझ ले आए।