sureshjain.com2023-07-06T22:21:05+05:30 हमने जिनके लिए दुआ मांगी,वो गैरों की दुआओं के तलबगार निकले, जिनकी ख़ातिर इक वक्त में खुदा थे हम,अब हम उनकी ही नज़रों में गुनहगार निकले जिन्होंने कभी लाख अच्छाइयां गिनाई थीं मुझमे,अब हम उनकी खातिर महज़ बेकार निकले…!!