sureshjain.com2023-07-06T22:21:18+05:30 एक उम्मीद जगती हैं सुबह के साथ , कुछ करने की लकीर उभरती हैं सुबह के साथ , काली रातों से ना घबरा अरे यार , उजाले की उम्र बढ़ती हैं सुबह के साथ ।