sureshjain.com2023-07-06T22:23:15+05:30 कुछ दर्द जो अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं, आंखों से पानी बन निर्झर नदियों से बहते हैं । समझ ही नहीं पाती,किसी को नही कह पाती, इस जीवन से अब कुछ और नही चाहती ।