वक़्त चलता गया पानी के नज़ारों की तरह
चाहे कितना किया कश्ती से किनारा हमने
याद है शाम वो ठहरी तेरी पहली वो नज़र
तब से खोई है हर इक साँस हमारी हमने
29Apr
वक़्त चलता गया पानी के नज़ारों की तरह
चाहे कितना किया कश्ती से किनारा हमने
याद है शाम वो ठहरी तेरी पहली वो नज़र
तब से खोई है हर इक साँस हमारी हमने