शीत लहर के स्पर्श से जब मन झंकार उठा मधु कूक कोयल से जब हृदय में ज्वार उठा तब शब्द हार पहन विरही मन मुख से कविता गान उठा
23Mar
शीत लहर के स्पर्श से जब मन झंकार उठा मधु कूक कोयल से जब हृदय में ज्वार उठा तब शब्द हार पहन विरही मन मुख से कविता गान उठा