sureshjain.com2024-03-02T11:27:45+05:30 माँ एक बोझा लकड़ी के लिए क्यों दिन भर जंगल छानती, पहाड़ लाँघती, देर शाम घर लौटती हो? माँ कहती है : जंगल छानती, पहाड़ लाँघती, दिन भर भटकती हूँ सिर्फ़ सूखी लकड़ियों के लिए। कहीं काट न दूँ कोई ज़िंदा पेड़ !