sureshjain.com2024-02-12T19:22:21+05:30 नज़रों से गुनगुना कर कोई धुन तराशते हैं जो अनजाने चेहरों में खुशियाँ तलाशते हैं अपनों में तो बस जिन्हें ऐब ही दिखते हैं वो गैरों की खातिर बेकीमत बिकते हैं....