परत चढ़ी है लाचारी की, आंखों से बहती अश्कों कि धार है, सिकुड़ रही हैं आंतें भूख से, लेकिन मिलती सिर्फ दुत्कार है..!!
11Feb
परत चढ़ी है लाचारी की, आंखों से बहती अश्कों कि धार है, सिकुड़ रही हैं आंतें भूख से, लेकिन मिलती सिर्फ दुत्कार है..!!