sureshjain.com2024-02-11T12:11:26+05:30 परत चढ़ी है लाचारी की, आंखों से बहती अश्कों कि धार है, सिकुड़ रही हैं आंतें भूख से, लेकिन मिलती सिर्फ दुत्कार है..!!