sureshjain.com2024-08-27T16:07:56+05:30 चले जाना चाहता हूँ बहुत दूर... जहाँ कोई भी न हो! चले जाना चाहता हूँ उन बर्फीली पहाड़ियों के अनज़ान सफ़र पर जिसका कोई अंत न हो! मैं ख़ुद को भी भूल जाना चाहता हूँ! परिन्दों की तरह सब कुछ छोड़ आसमां में उड़ना चाहता हूँ!