मछलियों को लगता था के जैसे वे तड़पती हैं पानी के लिए पानी भी उनके लिए वैसा ही तड़पता होगा। लेकिन जब खींचा जाता है जाल तो पानी मछलियों को छोड़कर जाल के छेदों से निकल भागता है। पानी मछलियों का देश है लेकिन मछलियां अपने देश के बारे में कुछ नहीं जानतीं। नरेश सक्सेना
