sureshjain.com2024-08-27T16:53:15+05:30 पीड़ा कितनी भी हो अब हालातों से समझौता कर लेता हूं, सुन ना सके कोई चीखें मेरी इसलिए होंठ सिल लेता हूं..!! विरक्ति